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रामपुर। मोदीपुर में विश्व के सबसे बड़े श्रीयंत्र की स्थापना.. स्वामी सर्वानंद सरस्वती. महाशक्ति पीठ नई दिल्ली के संस्थापक.

सभी में समन्वय बनाता है श्रीयंत्र : सर्वानंद सरस्वती

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रामपुर। मोदीपुर में विश्व के सबसे बड़े श्रीयंत्र की स्थापना.. स्वामी सर्वानंद सरस्वती. महाशक्ति पीठ नई दिल्ली के संस्थापक. Rampur. Installation of world’s largest Sriyantra in Modipur.. Swami Sarbananda Saraswati. Founder of Mahashakti Peeth New Delhi.

आवाज न्यूज : विशेष वार्ताहर, २२ नोव्हेंबर.

रामपुर। मोदीपुर में विश्व के सबसे बड़े श्रीयंत्र की स्थापनाके अवसर पर भारतीय श्रीपीठम के कुलपति एवं महाशक्ति पीठ नई दिल्ली के संस्थापक सर्वानंद सरस्वती ने कहा कि श्रीयंत्र सभी धर्म के लोगों में समन्वय बनाता है। यह किसी एक संप्रदाय या मजहच का नहीं है, मोदीपुर में यह श्रीयंत्र विश्व की शांति के लिए स्थापित किया गया।

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार हवा, चांद, आकाश, जल आदि सभी के लिए है इसी तरह श्री यंत्र भी सभी के कल्याण के लिए है। श्री विद्या अत्यंत महत्वपूर्ण गोपनीय एवं सिद्ध विद्या है। यह विद्या स्वयं आदिगुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित है। श्रीयंत्र शक्तियों का प्रतीक है। श्रीयंत्र का रूप ज्योमितिय होता है। उन्होंने बताया कि श्री यंत्र का उपासक सदैव भयमुक्त रहता है, एवं कभी उदास नहीं होता। श्री यंत्र सात्विक समन्वयवादी एवं पर्यावरण बादी है। उसके प्रभाव से पर्यावरणीय असंतुलन दूर होता है। नकारात्मकता मिटकर सकारात्मक ऊर्जा आती है। श्रीयंत्र की साधना पूरी तरह वैज्ञानिक है।

मनुष्य की तीन प्रकृति सत, रज तथा तम्ब और तीन नाड़ियां इड़ा सुषुम्ना तथा पिघला तथा चौरासी हजार ध्वनियों में समन्वय स्थापित होता है। चारों दिशाएं प्रबल होती हैं। बताया कि यह श्रीयंत्र पंच धातु का बना हुआ है और इससे इस क्षेत्र का उद्धार, प्रगति और समन्वय स्थापित होगा। उन्होने श्री विद्या की साधना को मानव कल्याण के लिए अति महत्वपूर्ण बताया। संवाद.

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